All In...
उड़ चला है दिल न जाने किस आकाश में ,
उड़ता जा रहा है बस उन्ही की तलाश में ..
बादलो के गरज्नेसे से लडखडाता है कभी ..
तो कभी डर जाता है ये बिजली की पुकार से ..
बावरा मन भड़कता है इस दिल पर ..
"क्यों उड़ रहा है तू इस उलटे सीधे मोड़ पर ..
क्या उन्हें भी पता है की आप आ रहे हो ?
क्या उन्हें भी पता है की तुम उनमें समां रहे हो ?"
दिल हस्के कहता है मन से ..
"तू है बावरा और बावरा ही रहेगा ..
मन ही मन तू तड़पता ही रहेगा .."
"दिल खोल के कभी इस गगन को चूमके तो देखो ..
उनके प्यार की बारिश में अपनी आहटों को भीगते तो देखो .. !"
पागल क्यों समझता है तू मुझे ए मेरे मन ...
तू ही है मेरी दोस्त, तू ही है मेरी दर्पण ..
तू ही है मेरी दोस्त, तू ही है मेरी दर्पण ..
|m|, चिन्मय वाटवे ,|m|
उड़ चला है दिल न जाने किस आकाश में ,
उड़ता जा रहा है बस उन्ही की तलाश में ..
बादलो के गरज्नेसे से लडखडाता है कभी ..
तो कभी डर जाता है ये बिजली की पुकार से ..
बावरा मन भड़कता है इस दिल पर ..
"क्यों उड़ रहा है तू इस उलटे सीधे मोड़ पर ..
क्या उन्हें भी पता है की आप आ रहे हो ?
क्या उन्हें भी पता है की तुम उनमें समां रहे हो ?"
दिल हस्के कहता है मन से ..
"तू है बावरा और बावरा ही रहेगा ..
मन ही मन तू तड़पता ही रहेगा .."
"दिल खोल के कभी इस गगन को चूमके तो देखो ..
उनके प्यार की बारिश में अपनी आहटों को भीगते तो देखो .. !"
पागल क्यों समझता है तू मुझे ए मेरे मन ...
तू ही है मेरी दोस्त, तू ही है मेरी दर्पण ..
तू ही है मेरी दोस्त, तू ही है मेरी दर्पण ..
|m|, चिन्मय वाटवे ,|m|
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